काल
वक्त के कोहरे में दुःख इस कदर घना है !
हर कोई शख्स अंदर से अन मना है !!
ढूंढ रहे हैं सुख के सूर्य को आकाश में जो
काल उनकी आंखों का मोतियाबिंद बना है !!
• विशाल शुक्ल
वक्त के कोहरे में दुःख इस कदर घना है !
हर कोई शख्स अंदर से अन मना है !!
ढूंढ रहे हैं सुख के सूर्य को आकाश में जो
काल उनकी आंखों का मोतियाबिंद बना है !!
• विशाल शुक्ल