*परदेशी*

परदेशी
सबको संभाल कर रखना चाहता था। पर सब कुछ बिखर गया।।
जाकर शहरों में सबको संभालने वाला खुद ही बिखर गया।।
~अभिलेश श्रीभारती~
परदेशी
सबको संभाल कर रखना चाहता था। पर सब कुछ बिखर गया।।
जाकर शहरों में सबको संभालने वाला खुद ही बिखर गया।।
~अभिलेश श्रीभारती~