ख्वाब हमको आज ऐसा आया है

ख्वाब हमको आज ऐसा आया है।
जीवनसाथी हमने जिसमें पाया है।।
ख्वाब हमको आज——————।।
उससे मिलन हमारा, कैसे हुआ।
किसने की थी यारों, ऐसी दुहा।।
हमको ऐसी खबर पहले नहीं थी।
क्यों उसने आकर, हमको छुआ।।
हमने अहसास आज ऐसा पाया है।
कोई चेहरा आज हमको भाया है।।
ख्वाब हमको आज—————-।।
उसकी नजरें बहुत, मदहोश थी।
कमसीन थी वह, माहताब थी।।
उसने रोशन किया, दिले-चिराग।
किसी चमन की वह, बहार थी।।
नशा दिल में जो उसका छाया है।
कोई मेहबूब आज हमने पाया है।।
ख्वाब हमको आज————-।।
हमको जरूरत नहीं, किसी और की।
वह दुल्हन हमारी है, जीवनभर की।।
हम निभायेंगे मिलकर, सातों वचन।
वह तस्वीर है, मेरी तकदीर की।।
वादा उसने भी हमसे किया है।
हमने भी दिल, उससे लगाया है।।
ख्वाब हमको आज——————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)