मेरे श्याम तुमको भी आना पड़ेगा

मेरे श्याम तुमको भी आना पड़ेगा
यादों को दिल में बसाना पड़ेगा
नजर ढूढती अब निगाहे तरसती
आंखों में मोती सी बूदें बरसाती
वादों को दिल से निभाना पड़ेगा
मेरे श्याम तुमको भी आना पड़ेगा
दिल ये बिलखता तड़पता मेरा मन
सुध बुध भूल मचलता ये तन मन
मुझे श्याम सांसों में बसाना पड़ेगा
मेरे श्याम तुमको भी आना पड़ेगा
✍️कृष्णकांत गुर्जर