….मेरे सजना…..
ये चमक ये दमक फुलवन मां महक,
सब कुछ सरकार तुम्ही से है
तुम बिन सूना मेरा घर आंगना,
मेरे घर का हर कोना कोना।
तुम नींव हो मेरी आंगन की,
छत और दीवार तुमही से है
आंगन मां बहार तुमही से है।
ये चमक ये दमक…..
मैं राह तकूं तोहरी सजना
तुम आए अभी तक न अंगना
मैं इत जांऊ मैं उत जांऊ,
मेरे नैन तके रस्ता तेरा।
मेरे दिल को करार तुमही से है।
ये चमक ये दमक सासों की महक ,
सबकुछ मेरे नाथ तुमही से है..
ऐसे न मुझे तुम तड़पाओ,
अब पास मेरे आ भी जाओ।
अब कटते नही मेरे दिन रैना,
मेरी सुबह और शाम तुमही से है।
मेरी सासों में है तेरी खुशबू,
मेरी हर सांस तुमही से है…
ये चमक ये दमक फुलवन मां..
रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ