Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2024 · 1 min read

गीत- कभी हँसकर कभी रोकर…

गीत- कभी हँसकर कभी रोकर…

कभी हँसकर कभी रोकर सभी का वक़्त बीतेगा।
कभी पाकर कभी खोकर सभी का वक़्त बीतेगा।।

निराशा से ज़रा हँसकर मिलो खुलकर हराओ तुम।
बनो ऐसे कि आँखों से सदा काजल चुराओ तुम।
कभी मिलकर ज़ुदा होकर सभी का वक़्त बीतेगा।
कभी पाकर कभी खोकर सभी का वक़्त बीतेगा।।

फ़िदा होना ज़ुदा होना यही सच है ज़माने का।
मिला क़िस्मत लिखा सबको न सोचो तुम भुलाने का।
कभी छूकर कभी हटकर सभी का वक़्त बीतेगा।
कभी पाकर कभी खोकर सभी का वक़्त बीतेगा।।

करो अच्छा कहो सच्चा बनो बच्चा हमेशा ही।
मिलेगा प्यार चाहत सब रखो इच्छा हमेशा ही।
कभी पीकर कभी खाकर सभी का वक़्त बीतेगा।
कभी पाकर कभी खोकर सभी का वक़्त बीतेगा।।

आर. एस. ‘प्रीतम’

1 Like · 170 Views
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

बात निकली है तो दूर तक जायेगी
बात निकली है तो दूर तक जायेगी
Sonam Puneet Dubey
हे जगजननी
हे जगजननी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
एक उड़ती चिड़िया बोली
एक उड़ती चिड़िया बोली
डॉ. दीपक बवेजा
एक महिला से तीन तरह के संबंध रखे जाते है - रिश्तेदार, खुद के
एक महिला से तीन तरह के संबंध रखे जाते है - रिश्तेदार, खुद के
Rj Anand Prajapati
2709.*पूर्णिका*
2709.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
जगदीश शर्मा सहज
बदसलूकी
बदसलूकी
Minal Aggarwal
अमत्ता घनाक्षरी
अमत्ता घनाक्षरी
seema sharma
सावन का महीना
सावन का महीना
Dr. Vaishali Verma
आओ बैठो पास हमारे
आओ बैठो पास हमारे
Dr. Bharati Varma Bourai
गीत- कृष्णा की पुकार सुनो...
गीत- कृष्णा की पुकार सुनो...
आर.एस. 'प्रीतम'
कभी मिले नहीं है एक ही मंजिल पर जानें वाले रास्तें
कभी मिले नहीं है एक ही मंजिल पर जानें वाले रास्तें
Sonu sugandh
पीले पात
पीले पात
आशा शैली
दोहा पंचक. . . मकरंद
दोहा पंचक. . . मकरंद
sushil sarna
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
Ashwini sharma
*** चोर ***
*** चोर ***
Chunnu Lal Gupta
बेटी
बेटी
Ayushi Verma
सुमिरन ,ध्यान ,योग, सरल जीवन शैली मनुष्य को सरलता का समर्थन
सुमिरन ,ध्यान ,योग, सरल जीवन शैली मनुष्य को सरलता का समर्थन
Shashi kala vyas
कहानी, बबीता की ।
कहानी, बबीता की ।
Rakesh Bahanwal
यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,
यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,
पूर्वार्थ
रात स्वप्न में दादी आई।
रात स्वप्न में दादी आई।
Vedha Singh
घर घर रंग बरसे
घर घर रंग बरसे
Rajesh Tiwari
*एक बल्ब घर के बाहर भी, रोज जलाना अच्छा है (हिंदी गजल)*
*एक बल्ब घर के बाहर भी, रोज जलाना अच्छा है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
Neelam Sharma
"याद रखना"
Dr. Kishan tandon kranti
अब ऐसे दस्तूर हुए हैं
अब ऐसे दस्तूर हुए हैं
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
भविष्य के सपने (लघुकथा)
भविष्य के सपने (लघुकथा)
Indu Singh
शिव सुंदर तुं सबसे है 🌧
शिव सुंदर तुं सबसे है 🌧
©️ दामिनी नारायण सिंह
थैंक यू टीचर हमको पढ़ाने के लिए,
थैंक यू टीचर हमको पढ़ाने के लिए,
Jyoti Roshni
आज फ़िर एक
आज फ़िर एक
हिमांशु Kulshrestha
Loading...