Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jul 2024 · 5 min read

कहानी, बबीता की ।

35 साल की उम्र में मेरा विवाह हुआ ये काफी लेट समय था और जिससे मेरी शादी हुई उसकी उम्र 37 साल थी ।

पहले लोग शादी जल्दी करने पर जोर देते थे, लेकिन आज लोग पहले करियर बनाने के पीछे भागते हैं ।

कम उम्र में हुई शादी आप को आपके पार्टनर और परिवार से घुलने-मिलने में ज्यादा आसान होती है ।

लेकिन देर से हुई शादी में लोग इतने ज्यादा जटिल हो जातें हैं कि वह अपने आप को नए माहौल में ढाल नही पाते ।

35 की उम्र में शादी होने से वैसे भी शरीर में कामवासना खत्म सी हो जाती है ।
रही सही कसर 37 साल के पुरुष के अंदर भी, नही बचती ।

बचती है तो एक बात वो है साथ ।

जब मेरी शादी हुई तो मुझे पता था जिस व्यक्ति से मेरी शादी हो रही है वो काफी कम कमाता है, पर 35 साल की उम्र होने पर मेरी मां को भी काफी चिंता होने लगे थी ।

क्योंकि मेरे पापा की मृत्यु समय से पहले हो गई थी
मैने घर वालों से बात की तो लोगो ने बोला शादी करो नही तो उम्र निकल जाएगी ।

सहेलियों से बोला तो उन्होंने बोला रात को बिस्तर पर पति को खुश रखो वो खुद मेहनत कर के ज्यादा पैसे कमाएगा

सबकी बातों को ध्यान में रख कर मैने शादी कर ली।
लेकिन शादी के बाद पत्नी के साथ साथ एक पुरुष की जिंदगी में एक और चीज आती है जिसे हम जिम्मेदारी के नाम से जानते हैं ।

जिनसे मेरी शादी हुई थी वो इस बात को जानते थे की मैं शादी से खुश नहीं हूं क्योंकि उनकी आय कम है ।

शादी के पहली रात उन्होंने मुझसे कहा, देखो मेरी आय कम है उम्र ज्यादा है इसका मतलब ये नही है कि हम दोनों साथ में खुश नहीं रह सकते ।
मैं तुम्हे सभी संसाधन तो नही दे सकता लेकिन इतने जरूर दे सकता हूं कि हमारी जिंदगी अच्छे से चले ।

और उस रात खाली यही बात हुई ।
ऐसे ही करते करते 20 से 22 दिन बीत गए पर हम दोनो के बीच पति पत्नी वाला रिश्ता बना ही नही शायद उन्हें मन में मलाल था कि वो कम कमाते हैं जिसकी वजह से मैने उन्हे मन से स्वीकार नहीं किया हैं ।

फिर सहेलियों से बात हुई सबने फिर वही बात कही, उन्हें रात में खुश करो और वो खुद तुम्हारी जरूरतें पूरी करेगा ।

महीने के अंत में उन्हें वेतन मिला 25000 रुपए, जिसमे से 5000 रुपए वो भविष्य केलिए रख कर 20000 मुझे दिया ।

और बोला मेरी जरूरतें काफी सीमित है, ये पैसे तुम रखो। अगर मुझे जरूर हुई तो तुमसे ले लूंगा ।
तुम अपने हिसाब से घर देख लो ।

पर जब मैंने हिसाब लगाना शुरू किया तो पैसे कम पड़े
जब मैने इनसे इस बारे में डिस्कस किया तो वो बोले थोड़ी दिक्कत हो सकती है लेकिन मैं दूसरी नौकरी के लिए ट्राय कर रहा हूं ।

ऐसे ही करते करते शादी को 6 महीने हो गए और हमारा झगड़ा हुआ, मैं बोलती और पैसे कमाओ वो बोलते जो हैं उसमे एडजेस्ट करने की कोशिश करो ।

बात इतनी बढ़ गई की मैं अपने मायके आ गईं और मन बना लिया की अब इसके साथ नही जाना ।

उन्हें ने कई बार मुझे बुलाया मेरे घर आए लेने
थक हार कर मैने भी बोल दिया जिस दिन आप अच्छा कमाने लगेंगे उस दिन आजाना लेने आप तो अभी पूरी तरह से मेरा खर्चा भी उठा नही पाते ।

ये बात उन्हें बहुत बुरी लगी, क्यों की गुस्से की वजह से मेरा बोलने का लहजा भी खराब था ।

लेकिन इस बार उस इंसान के गिरबान को चोट पहुंची थी , वो वापस तो गया लेकिन कभी लौट के नही आया ।

बल्कि उन्होंने अपने वेकील से फोन कर के बोला की अगर तुम मुझसे अलग होना चाहती हो तो हो सकती हो ।

जिसे जान कर मेरा गुस्सा और भड़क गया मुझे लगा को जो इंसान मेरा खर्चा नही उठा सकता वो मुझे छोड़ने की धमकी दे रहा है ।

मैने भी बोल दिया नही रहना है,
हमारी हियरिंग हुई, जज ने पूछा, तो उन्होंने स्पष्ट बोला, sir मेरी तनख्वाह कम है, जिससे इन्हे आपत्ति है ।
और मैं इन्हे खुश नहीं रख पा रहा हूं, और ना ये मेरे साथ खुश हैं, किसी इंसान को जबरदस्ती खुश नहीं किया जा सकता है मेरे बस में इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता ।
हर इंसान को अपनी खुशी चुनने की आजादी है ।

जजों ने मुझे समझाया की एक बार रिश्ता में खटास आजती है तो जिंदगी खराब हो जाती है तुम चाहो तो एक नई शुरुवात कर सकती हो, पैसे कम है लेकिन इतने भी नही की तुम्हारी बेसिक जरुरते पूरी ना हो सके ।

लेकिन इगो की वजह से किसी की नही सुनी ।

और कुछ समय बाद मेरा तलाक हो गया ।

तलाक के 6 महीने मैं घर पर थी लेकिन उसके बाद एक नौकरी की, अब मेरी उम्र 37 साल हो गई थी और मैने नौकरी करने का निश्चय किया ।
नौकरी पर आने पर पता चला की कितना मेहनत का काम है ।

और ये भी पता चला कि डिवोर्सी लड़की के आगे पीछे सब घूमते हैं, मौके का तलाश करते हैं की कब मौका मिले और इसके साथ कुछ करने को मिले ।
काम अच्छा हो तो आप की कोई तारीफ नही करता
लेकिन अगर काम में कमी हो तो ऑफिस से लेके जूनियर तक पीछे पड़ जाते हैं ।

मेरी तनखवाह 15000 की है । अब समझ में आने लगा था की नौकरी करना कितना कठिन है कुछ भी चाहो लेकिन हमारे हाथ में कुछ नही है ।

अब जिस 15000 के लिए मुझे 10 से 6 काम करना पड़ता था, लोगो की हरासमेंट का सामना करना पड़ता था ।

पहले उससे ज्यादा घर बैठे 20000 मिलता लेकिन अब काम करने के बाद 15000 मिल रहा है ऊपर से दिनभर की मेहनत ।

एक पुरुष अपने परिवार की कमी को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत करता है लेकिन हम औरतें सिर्फ ये सोचते हैं की कैसे हमारा काम पूरा हो ।

लेकिन आज उसी शक्श की नौकरी में तनखवा 85000 + रुपए है ।

मैने ये गलती की रिश्ते को पैसे के पैरामीटर के पर तोलने लगी थी लेकिन है सही नही था
यदि प्यार से समझती तो हमारा जीवन भी आगे अच्छा चलता

आज के दौर में लड़किया किसी लड़के से शादी करने से पहले ये जानना चाहती हैं की लड़का कितना कमा रहा
लेकिन असल में किसी से शादी करने से पहले ये जानना जरूरी है की उसका चरित्र कैसा हैं

शादी जैसे बंधन को चलाने के लिए जरूरी है आपसी सहमति, समाजस्य और विश्वास लेकिन आज मेरी तरह सभी लड़कियां अपनी शादी में सबसे पहले ये देखती हैं की लड़का पैसा कितना कमा रहा है लड़किया तो लड़किया उनके मां बाप भी यही देखते हैं

एक अच्छा रिश्ता पैसे की दम पर नही चलता है।
मुझे ये बात तब समझ आए जब मैंने अपना रिश्ता खो दिया

किसी अमीर से 4 बात सुनने से बेहतर है कि किसी कम आय वाले के साथ शादी कर के साथ खुश रहने में आनंद है ।

ये एक सत्य घटना है ।
अब आप बताइए, आप के हिसाब से रिश्ते चलाने के लिए, क्या पैसे इतने जरूरी हैं ?

Language: Hindi
1 Like · 90 Views

You may also like these posts

हाँ बाम-ए-फ़लक से तुझी को चांद निहारे (ग़ज़ल)
हाँ बाम-ए-फ़लक से तुझी को चांद निहारे (ग़ज़ल)
Johnny Ahmed 'क़ैस'
तुम और मैं
तुम और मैं
NAVNEET SINGH
बिटिया प्यारी
बिटिया प्यारी
मधुसूदन गौतम
लिखना
लिखना
पूर्वार्थ
परिवार
परिवार
Shashi Mahajan
आदिवासी कभी छल नहीं करते
आदिवासी कभी छल नहीं करते
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मौन पर त्वरित क्षणिकाएं :
मौन पर त्वरित क्षणिकाएं :
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
Shyam Sundar Subramanian
पधारो नंद के लाला
पधारो नंद के लाला
Sukeshini Budhawne
तुम हो तो
तुम हो तो
Dushyant Kumar Patel
"महत्वाकांक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
4176.💐 *पूर्णिका* 💐
4176.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
’राम की शक्तिपूजा’
’राम की शक्तिपूजा’
Dr MusafiR BaithA
*सत्य  विजय  का पर्व मनाया*
*सत्य विजय का पर्व मनाया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सब तो उधार का
सब तो उधार का
Jitendra kumar
😢न्यू-वर्ज़न😢
😢न्यू-वर्ज़न😢
*प्रणय*
आज दिल कुछ उदास सा है,
आज दिल कुछ उदास सा है,
Manisha Wandhare
मित्र
मित्र
Rambali Mishra
समय की प्यारे बात निराली ।
समय की प्यारे बात निराली ।
Karuna Goswami
वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
Manisha Manjari
रमेशराज के नवगीत
रमेशराज के नवगीत
कवि रमेशराज
आगामी चुनाव की रणनीति (व्यंग्य)
आगामी चुनाव की रणनीति (व्यंग्य)
SURYA PRAKASH SHARMA
रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।
रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।
सत्य कुमार प्रेमी
हुस्न उनका न कभी...
हुस्न उनका न कभी...
आकाश महेशपुरी
गुमनाम सा शायर हूँ अपने  लिए लिखता हूँ
गुमनाम सा शायर हूँ अपने लिए लिखता हूँ
Kanchan Gupta
#हे_कृष्णे! #कृपाण_सम्हालो, #कृष्ण_नहीं_आने_वाले।
#हे_कृष्णे! #कृपाण_सम्हालो, #कृष्ण_नहीं_आने_वाले।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
भभक
भभक
Dr.Archannaa Mishraa
*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
Ravi Prakash
Loading...