सुनता उसका बालमन , दिन में सौ -सौ बार ।

सुनता उसका बालमन , दिन में सौ -सौ बार ।
ओ छोटू उस मेज पर , जल्दी कपड़ा मार ।।
राजपाल सिंह गुलिया
सुनता उसका बालमन , दिन में सौ -सौ बार ।
ओ छोटू उस मेज पर , जल्दी कपड़ा मार ।।
राजपाल सिंह गुलिया