जागो, जागो तुम, सरकारी कर्मचारियों
(शेर)- निजीकरण जब देश में, हर सरकारी संस्था का हो जायेगा।
देश में तब हर काम का दाम, सच आसमान को छू जायेगा।।
हर काम का होगा ठेका प्रथा में, नहीं होगी सरकारी सुविधाएं।
होगा निजी कम्पनियों का राज, अन्याय कितना बढ़ जायेगा।।
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जागो, जागो, जागो तुम, सरकारी कर्मचारियों।
कर्तव्यनिष्ठ बनो तुम, सरकारी कर्मचारियों।।
नहीं करो आराम और लापरवाही ड्यूटी में।
वरना पछतावोगे बहुत, सरकारी कर्मचारियों।।
जागो, जागो, जागो तुम————————-।।
सरकारी स्कूलों में, अपने बच्चों को पढ़ाओ।
अपने सरकारी स्कूलों का, नामांकन बढ़ाओ।।
सरकारी अस्पतालों में, इलाज अपना करावो।
सरकारी संस्थाओं का तुम, महत्व बढ़ाओ।।
जागो, जागो, जागो तुम——————।।
सरकारी संस्थायें देश में, जब बन्द हो जायेगी।
ये सारी सरकारी सुविधाएं, तब बन्द हो जायेगी।।
हर काम काम होगा ठेके में, ठेकेदारी प्रथा होगी।
तब यह शिक्षा और चिकित्सा महंगी हो जायेगी।।
जागो, जागो, जागो तुम———————।।
सरकारी नौकरी, सरकारी सुविधा यदि हमें चाहिए।
समानता, सम्मान और सुरक्षा अगर हमको चाहिए।।
बढ़ाना होगा महत्व- सम्मान सरकारी संस्थाओं का।
हमारे परिवार का सुनहरा भविष्य, अगर हमें चाहिए।।
जागो, जागो, जागो तुम————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)