जय रामेश्वरम

डम डम डमरू भुजंग शिरोधरा,
कंप कंप भू व्योम त्रिनेत्र धरा,
लहरी शिव शिवाय नमो नमो,
घट गट गरल जट गंग धरा ।।
बम बम भोले भाल शशि धरा।
रुद्र रूप महा रूद्र तांडव धरा ।
नन्दी, भैरव, बेताल, गण गणादि,
हर हर महादेव महाकाल धरा।।
राम राम नाम शिव इष्ट धरा।
शिव रामेश्वरम राम इष्ट धरा।।
सिंधुतट रामेश्वरम ज्योतिर्लिंगम।
जय रामचंद्र जय शंकर धरा।।
हर हर महादेव
(जय जय राम जय श्री राम)
(पुस्तक से- “त्रेता के प्रभु श्री राम”)
(लेखक- डॉ शिव लहरी)