Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2025 · 1 min read

जीवन रूपी ट्रक ऑटो-रिक्शे के दो कमज़ोर पहियों पर नहीं दौड़ सकत

जीवन रूपी ट्रक ऑटो-रिक्शे के दो कमज़ोर पहियों पर नहीं दौड़ सकता। समझ जाएं तो बेहतर।
😢प्रणय प्रभात😢

1 Like · 25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

काश तुम समझ सको
काश तुम समझ सको
sushil sharma
जुल्म ढाते हैं बहुत वो ढाने वाले
जुल्म ढाते हैं बहुत वो ढाने वाले
VINOD CHAUHAN
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चंद  आँसू   बचा  कर  रख
चंद आँसू बचा कर रख
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
त्रासदी
त्रासदी
लक्ष्मी सिंह
रातें ज्यादा काली हो तो समझें चटक उजाला होगा।
रातें ज्यादा काली हो तो समझें चटक उजाला होगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"लाचार मैं या गुब्बारे वाला"
संजय कुमार संजू
आज
आज
*प्रणय प्रभात*
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Story of homo sapient
Story of homo sapient
Shashi Mahajan
भारती के लाल
भारती के लाल
पं अंजू पांडेय अश्रु
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
प्रीति नवेली
प्रीति नवेली
Rambali Mishra
एक वही मलाल,एक वही सवाल....
एक वही मलाल,एक वही सवाल....
पूर्वार्थ देव
आज,
आज,
हिमांशु Kulshrestha
शोख लड़की
शोख लड़की
Ghanshyam Poddar
मोहब्बत कि बाते
मोहब्बत कि बाते
Rituraj shivem verma
नजर तुम पर रहे रब की
नजर तुम पर रहे रब की
gurudeenverma198
बाबुल
बाबुल
Neeraj Kumar Agarwal
पुस्तक समीक्षा
पुस्तक समीक्षा
Ravi Prakash
सफर
सफर
Ritu Asooja
लंबा क़ानून
लंबा क़ानून
Dr. Rajeev Jain
आँचल की छाँह🙏
आँचल की छाँह🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दुर्घटनाएं
दुर्घटनाएं
ललकार भारद्वाज
FOR THE TREE
FOR THE TREE
SURYA PRAKASH SHARMA
पूछो ज़रा दिल से
पूछो ज़रा दिल से
Surinder blackpen
अन्तर्वासना का ज्वर किसी भी लड़की की तरफ आकर्षण का प्रमुख का
अन्तर्वासना का ज्वर किसी भी लड़की की तरफ आकर्षण का प्रमुख का
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल _ दर्द सावन के हसीं होते , सुहाती हैं बहारें !
ग़ज़ल _ दर्द सावन के हसीं होते , सुहाती हैं बहारें !
Neelofar Khan
"नवाखानी"
Dr. Kishan tandon kranti
या तुझको याद करूं
या तुझको याद करूं
डॉ. एकान्त नेगी
Loading...