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11 May 2024 · 1 min read

आँचल की छाँह🙏

नारी की आँचल 🙏
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ममता माया है नारी की काया
शीतल सकूनआँचल कीछाया
भाव भावना दया सृष्टिकारक

सुखद कोमल पल्लव की छाँह
मनोहर मृदुल वाणी से निर्मल
जन मन मंदिर निश्छल रानी

संग सहेली सुख दुख संगीनी
प्रकाशित सुखद जीवन धारा
धूप-छांव की शीतल नर नारी

धर्म-कर्म पोरुष बल की नारी
नव किसलय की गात है नारी
हँसती रोती करती किलकारी

पाकर भी सब खो देती नारी
उधार नगद ले दे कर्ज़ चुकाती
दुख को सुख में बदलती नारी

प्रकृति गोल ब्रह्माण्ड नर नारी
सांझ उषा की लालिमा हैनारी
तमस दिल में प्रकाश कलोल

मधु आशाओं की लहर लोल
अलक जाल के अचूकतोड़ ये
सौंदर्य सुंदरता की बोल हैं ये

जीवन कीधार सबल प्रवाह हैं
नारी जब बन जाती आघाड़ी
साहस आशा में घूंटती रहती

विकलअभिनयआलोकउदय
खातिर मन चेतन खो देती है
सिर चढ़ाया पाता ना हृदय है

नौटंकीअकिंचन बेराग रागिनी
मिट खानदानी यादों की नारी
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तारकेशवर प्रसाद तरुण

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