बन्ना तैं झूलण द्यो झूला, मनैं सावण मं
Never ever spend your time on people who has lost the capaci
नशा-ए-दौलत तेरा कब तक साथ निभाएगा,
परायों में, अपना तलाशने निकलें हैं हमदम।
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
गांव प्यारा
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
भिंगती बरसात में युँ ही बेचारी रात
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
Sometimes a thought comes