सरकारी नौकरी का सपना😢

(शेर)- सरकारी नौकरी अपने जीवन में,यहाँ कौन नहीं चाहता है यारों।
सरकारी नौकरी के लिए आदमी, क्या- क्या नहीं करता है यारों।।
क्यों गैर जिम्मेदार है सरकारी कर्मचारी, पाकर सरकारी नौकरी।
भावी पीढ़ी के लिए सरकारी नौकरी, कौन मिटाना चाहता है यारों।।
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रही ऐसी लापरवाही तो, भविष्य में ऐसा होगा।
सरकारी नौकरी का सपना, बर्बाद सभी का होगा।।
क्योंकि लापरवाह ड्यूटी में, सरकारी कर्मचारी है।
जिम्मेदार इसके लिए भी, सरकारी कर्मचारी होगा।।
रही ऐसी लापरवाही तो————————।।
बदनाम उसी को कर रहे हैं, जिसके दम पर वो जिन्दा है।
अपने ही घर में आग लगाकर, वो बिल्कुल नहीं शर्मिंदा है।।
बोये पेड़ बबूल का तो, फिर मार्ग नहीं आसान होगा।
सरकारी नौकरी की राह में, पग पग पर कांटा होगा।।
रही ऐसी लापरवाही तो————————-।।
बैठे हैं जिस डाल पर, वो उसी को ही काट रहे हैं।
जिससे हुए आबाद वो, बर्बाद उसी को कर रहे हैं।।
सरकारी विभागों से अगर, नहीं फायदा जब होगा।
सरकारी विभागों का ऐसे में, निजीकरण शुरू होगा।।
रही ऐसी लापरवाही तो————————।।
मोटी तनख्वाह मिलने पर भी, कोई रूचि नहीं ड्यूटी में।
मौज मस्ती और राजनीति, करते हैं ऑफिस में ड्यूटी में।।
सरकारी काम से खुश, जब कोई आदमी नहीं होगा।
सरकारी कर्मचारी का महत्व, देश में नहीं तब होगा।।
रही ऐसी लापरवाही तो————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)