* कुछ नहीं मिलता दिल लगाने से*
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
अच्छा नहीं लगता मुझको भीड़ में चलना,
ब्रेकअप तो सिर्फ अफेयर में होते है
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बेवफाई से मिली तन्हाई
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
*गाथा गाओ हिंद की, अपना प्यारा देश (कुंडलिया)*
बदली बदली सी फिज़ा रुख है,
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
क्या होता है क़ाफ़िया ,कहते किसे रदीफ़.
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
आज कल के युवा जितने सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं यदि उतने ही अप