*गुमनाम सेहरा (विवाह गीत)*

गुमनाम सेहरा (विवाह गीत)
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5 फरवरी 2025 बुधवार की दोपहर को मैं घर पर बैठा था। अकस्मात एक फोन आया। फोनकर्ता ने मुझसे पूछा कि क्या आप सेहरा लिखते हैं ?
मैंने उत्तर दिया कि सेहरा लिखने का मेरा काम नहीं है। फोन पर प्रश्नकर्ता ने अब थोड़ी उम्मीद के साथ मुझसे कहा कि मुझे आपके बारे में पता चला था कि आप सेहरा लिखते हैं। मुझे एक सेहरा लिखवाना है। जो पेमेंट आप चाहेंगे, मैं कर दूंगा।
मैंने इस पर भी यही कहा कि आपने यह बात तो सही सुनी है कि मैंने अनेक सेहरे लिखे हैं। लेकिन यह मेरा पेशा नहीं है।
इसी बीच बरामदे में मेरे पास ही मेरी पत्नी श्रीमती मंजुल रानी बैठी थीं। उन्होंने थोड़ा अपने हाव-भाव से तथा थोड़ी हल्की आवाज में मुझसे कहा कि सेहरा लिख दो, अच्छी बात रहेगी। इसी समय मेरे पास मेरे भतीजे पुनीत अग्रवाल की पत्नी श्रीमती ऋतु अग्रवाल भी बैठी थीं । उन्होंने भी कहा कि लिख दीजिए।
फोन पर विवाह के लिए सेहरा लिखने का आग्रह करने वाले व्यक्ति अपरिचित थे। लेकिन फिर भी मुझे सेहरा लिखने में अब कोई दिक्कत नजर नहीं आ रही थी। मैंने हामी भर दी।कहा, ठीक है, मैं सेहरा लिख दूंगा। वह खुश हो गए।
“आपका धन्यवाद! अब आप मुझे अपना पता बता दीजिए ताकि मैं आपको पेमेंट कर सकूं”
मैंने कहा “पेमेंट की चिंता आप मत कीजिए। फिलहाल मुझे सेहरा लिखने दीजिए। यह बताइए कि आप वर पक्ष से हैं अथवा कन्या पक्ष से?”
उन्होंने कहा कि वह कन्या पक्ष से हैं।
” जिनकी शादी है, उनसे आपका क्या संबंध है?”- मैंने पूछा। वह कहने लगे कि जयपुर में कोई व्यापारी हैं, वह उनके यहां सीईओ हैं।
सज्जन ने अपना नाम रजत शर्मा बताया। मैंने कहा कि सेहरे में पूर्णता तभी आती है, जब उसमें वर और कन्या का नाम लिखा जाए तथा माता-पिता के नाम भी यथासंभव शामिल हो जाऍं।
वर का नाम उन्होंने यश तथा कन्या का नाम नौमी बताया। कहा कि वर के पिता का नाम राजेंद्र सेठिया तथा माता का नाम शालिनी सेठिया है। यह लोग जयपुर के रहने वाले हैं। लेकिन विवाह 14-15 फरवरी 2025 को जैसलमेर में होगा। कन्या के माता-पिता का नाम रजत शर्मा जी को मालूम नहीं था। खैर, इतनी जानकारियॉं मुझे सेहरा लिखने के लिए पर्याप्त थीं।
रजत शर्मा जी ने मुझसे पूछा कि आप सेहरा कितने दिनों में लिखकर दे पाएंगे? मैंने कहा कि एक-दो दिन लग सकते हैं। वह संतुष्ट थे। पुनः पेमेंट का निवेदन करते रहे। मैंने कहा आप चिंता मत करिए। वास्तव में मेरे लिए सेहरा लिखना ही पर्याप्त सुख है।
एक-दो दिन तो कहने की बात थी। जब मैंने लिखना शुरू किया तो एक-दो घंटे में ही सेहरा लिख भी गया और टाइप भी हो गया। मैंने रजत शर्मा जी को उनके मोबाइल व्हाट्सएप नंबर पर सेहरा प्रेषित कर दिया।
आश्चर्यजनक रूप से उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। जब विवाह की तिथि भी बीत गई, तब मैंने रजत शर्मा जी को फोन मिलाया और कहा कि सेहरा आपको मिल गया होगा ? रजत शर्मा जी कुछ थके हुए लग रहे थे। उन्होंने सेहरा मिलने की बात को स्वीकार किया। तब मैंने पूछा कि सेहरे का उपयोग तो हो गया होगा ? वह बोले, मुझे पता नहीं क्योंकि मैं शादी में नहीं गया था। पुनः रजत शर्मा जी ने मुझे पेमेंट देने के लिए पता भिजवाने की बात की। मैंने यही निवेदन किया कि अगर सेहरे का कोई उपयोग छपे हुए पत्रक के रूप में अथवा किसी अन्य रूप में हुआ हो तो रिकॉर्ड में रखने के लिए मेरे लिए यह उपलब्धि ही पर्याप्त है। फिर मैंने फोन रख दिया और दोबारा न तो मैंने उन्हें फोन मिलाया और न ही उनकी ओर से कोई फोन आया। इस तरह मेरे द्वारा लिखित यह सेहरा एक प्रकार से गुमनाम ही रह गया।
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सेहरा इस प्रकार है:
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🪴 चिरंजीव यश एवं आयुष्मति नौमि 🪴
के शुभ विवाह के सुअवसर पर मंगल कामनाओं सहित
💐 सेहरा 💐
शुभ विवाह से जग-वासंती, बहती दिव्य बयार है
1)
दो हृदयों का मिलन आज है, नई सृष्टि छाई है
मधुर दिवस निशि मंगलमय यह, मधुरिम निधि लाई है
पीले फूलों से धरती का, आलौकिक श्रृंगार है
2)
नेह लुटा राजेंद्र रहे हैं, पिता परम-सुख पाते
आह्लादित हैं मातु शालिनी, वधू नौमि घर आते
यश के नव-जीवन का अवसर, वंदन बारंबार है
3)
सप्तपदी के सात चरण प्रभु, सात्विक मार्ग सुझाऍं
सदा प्रेम से अभिसिंचित हों, पावन अभिलाषाऍं
महाकुंभ के मध्य बरसती, अमृत की मधु-धार है
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रचयिता : रवि प्रकाश पुत्र श्री राम प्रकाश सर्राफ, बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश 244901
मोबाइल/व्हाट्सएप 9997 615 451
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सेवा में
श्री राजेंद्र सेठिया जी एवं श्रीमती शालिनी सेठिया जी, जयपुर, राजस्थान, दिनांक 14-15 फरवरी 2025 (द्वारा श्री रजत शर्मा जी, जयपुर)