यश का पथ
यश का पथ
अगर जग में यश का मार्ग कहीं, तो मैं उसको ढूँढ़ निकालूँ,
और गर न मिले वो राह कहीं, तो खुद अपनी राह बना लूँ।
संघर्ष मेरा साथी होगा, तप ही मेरा संबल,
हर मुश्किल से लड़ जाऊँगा, बन जाऊँगा मैं अद्वितीय मिसाल।
सपनों के दीप जलाने को, अंधेरों से खेलना होगा,
हर हार को जीत में ढाल, खुद को कुंदन बनाना होगा।
न ज्ञान मेरा थमेगा कहीं, न साहस मेरा हारेगा,
समय की धार में बहकर भी, मैं पर्वत सम अडिग रहूँगा।
कदम-कदम पर असफलता हो, तो भी न रुकूँगा कभी,
हर ठोकर से सबक लेकर, नयी कहानी लिखूँगा अभी।
ये परीक्षा सिर्फ कलम की नहीं, आत्मबल की भी कसौटी है,
जो गिरकर भी उठे, वही असली वीर की परिभाषा है।
शब्दों की तलवार लिए चलूँ, विचारों का रण सजाऊँ,
जो बाधाएँ आएँ पथ में, मैं उनको भी मुस्कान दिखाऊँ।
क्योंकि अगर जग में यश का मार्ग कहीं, तो मैं उसको ढूँढ़ निकालूँ,
और गर न मिले वो राह कहीं, तो खुद अपनी राह बना लूँ।