मन पतंग की भांति है उसकी डोर हमेशा अपनी हाथ में रखो देखो कोई

मन पतंग की भांति है उसकी डोर हमेशा अपनी हाथ में रखो देखो कोई अवगुण उसे काट न दे ( अपने लक्ष्य से भटका न दे)
Rj Anand Prajapati
मन पतंग की भांति है उसकी डोर हमेशा अपनी हाथ में रखो देखो कोई अवगुण उसे काट न दे ( अपने लक्ष्य से भटका न दे)
Rj Anand Prajapati