गीत- भूलूँ कभी जिस पल तुझे…
भूलूँ कभी जिस पल तुझे वो पल कभी आए नहीं।
तेरे बिना दिल प्यार का इक गीत भी गाए नहीं।।
मैं राग हूँ तू रागिनी मैं चाँद हूँ तू चाँदनी।
तू मेघ है मैं दामिनी तू सूर्य है मैं रोशनी।
होकर ज़ुदा हमतुम रहें दिन-रात वो छाए नहीं।
भूलूँ कभी जिस पल तुझे वो पल कभी आए नहीं।
तेरे बिना दिल प्यार का इक गीत भी गाए नहीं।।
तुम आइना बनकर रहो सूरत बनूँ मैं भी ज़ुदा।
मुझपर फ़िदा तुम हो चलो मैं हो चलूँ तुमपर फ़िदा।
धड़कन हृदय होकर हँसें मातम कभी आए नहीं।
भूलूँ कभी जिस पल तुझे वो पल कभी आए नहीं।
तेरे बिना दिल प्यार का इक गीत भी गाए नहीं।।
तुम फ़ोन हो मैं सिम तिरी दोनों करें क्यों दूरियाँ।
आटा पके जब तेल में बनती तभी हैं पूरियाँ।
संगीत बिन नग़मा कोई ‘प्रीतम’ कभी भाए नहीं।
भूलूँ कभी जिस पल तुझे वो पल कभी आए नहीं।
तेरे बिना दिल प्यार का इक गीत भी गाए नहीं।।
आर.एस. ‘प्रीतम’