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9 Mar 2025 · 1 min read

मैं

ज़मीन बिछाता आसमां ओढ़ता मैं ।
इस तरह खुद को खुद से जोड़ता मैं ।
बयां कर हक़ीक़तें खुद मैं अपनी ,
हसरतों को हक़ीक़त से तोड़ता मैं ।
..….विवेक दुबे”निश्चल”@…

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