सपने टूटेंगे… ‘एक बार’ नहीं ‘दो बार’ नहीं बल्कि ‘कई बार…

सपने टूटेंगे… ‘एक बार’ नहीं ‘दो बार’ नहीं बल्कि ‘कई बार… लेकिन इतना सब होने के बाद भी ‘जिंदगी खत्म नहीं होगी, ये बात भी तय है..
तो क्या करें ?
उसी पहले सपने को फिर से बुने या नया दूसरा सपना बुनो’, ‘धूल झाड़ो’ और आगे बढ़ा, दोबारा से ‘खुद को तैयार करो ‘बेहतर बनाओ’ और ‘कोशिश जारी रखो !!