किताबों के पन्नों से जो सीखा, वो अधूरा रह गया,

किताबों के पन्नों से जो सीखा, वो अधूरा रह गया,
जिंदगी के सबक में जो पाया, वो निखर कर आ गया।”
काम करके सीखने से व्यक्ति की समस्या-समाधान क्षमता बढ़ती है, आत्मविश्वास आता है और वह अपने अनुभवों से नए-नए तरीकों की खोज करता है।
सीखकर चले जो राह पर, वो कम गलतियां करे,
पर अनुभव से जो बढ़े, वो और बड़ी बातें करे।”
सीखकर काम करने वाले लोग तकनीकी रूप से अधिक सक्षम होते हैं, लेकिन कई बार उन्हें वास्तविकता की चुनौतियों का सामना करने में अनुभवहीनता महसूस होती है।
काम करके सीखना और सीखकर काम करना, दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जो अपने ज्ञान को व्यवहारिक रूप से लागू करना जानते हैं।
“सिर्फ पढ़ लेने से नहीं आती समझ,
इसे आजमा के देख, हर दर्द देगा सबक।”