प्रेम:एक सच.!

प्यार एक एहसास है, इसको केवल महसूस किया जा सकता है। इसको शब्दों में बयां नहीं कर सकते।
यह हमारे जीवन का एक अहम पहलू है, इसी के कारण सभी रिश्ते और इंसानियत जीवित है।
प्रेम और स्नेह किसी से भी हो सकता है, चाहे वह जानवर हो, इंसान हो या अन्य कोई प्राणी हो, क्योंकि प्यार तो प्यार होता है। इसकी कोई सीमा या बंधन नहीं होता है।
प्यार तो एक ऐसा रिश्ता है, जो हमें आपस में जोड़ कर रखता है। इसकी अहमियत केवल वही समझ सकते हैं, जो स्वयं से ज्यादा दूसरों को समझते हैं।
दुनिया में जितने भी रिश्ते बनते हैं, वह केवल प्यार के कारण ही जीवंत है। अगर रिश्ते में विश्वास, अपनापन, प्रेम, स्नेह के स्थान पर कड़वाहट और ईर्ष्या हो, तो वह रिश्ते कभी भी लंबे समय तक नहीं चलते हैं।
प्रेम के प्रति सभी की धारणाएं अलग-अलग होती हैं, कुछ लोग केवल उसको ही प्यार समझते हैं, जो एक लड़का और लड़की के बीच में होता है, परंतु यह धारणा बिल्कुल गलत है, क्योंकि प्यार तो किसी से भी हो सकता है। जरूरी नहीं कि एक लड़के को एक लड़की से और एक लड़की को लड़के से प्यार हो।
सच्चा प्यार वहीं होता है, जिसमें निजी स्वार्थ नहीं होता। आज के दौर में अधिकतम नई पीढ़ी के युवा कुछ समय बात करने वाली लड़की के लिए अपने मां-बाप को छोड़ देते हैं, एक बार यह नहीं सोचते हैं, कि जिनको हमने अलग कर दिया है, उन्होंने ही हमें यह जीवन दिया है।
4 दिन पहले मिली एक लड़की के लिए, उस मां को भूल जाते हैं, जिसने उन्हें 9 महीने अपनी कोख में रखा। स्वयं भूखी रहकर उन्हें हंसते-हंसते जब भूख लगी खाना खिलाया। यह सब भूलकर एक लड़की के लिए अपनी मां को भूल जाते हैं, संतान कैसी भी रहे, भले ही वह अपने माता-पिता को घर से ही क्यों ना निकाल दे., परंतु एक मां के लिए उसकी संतान हमेशा संतान ही रहती है।
एक मां को जिस बेटे ने घर से निकाल दिया, उसी बेटे के लिए वह हमेशा भगवान से यही प्रार्थना करती है, कि मेरे बेटे को हमेशा खुश रखना।
दुनिया में एक मां का ही प्यार सच्चा होता है, जिसकी तुलना किसी से नहीं कर सकते हैं। आज की पीढ़ी वह लड़का हो, या लड़की हो, कुछ समय के प्यार के लिए वह 20 साल पुराना रिश्ता भूल जाते हैं, और आत्महत्या के फैसले तक पहुंच जाते हैं।
परंतु वह यही नहीं सोचते हैं, कि यह जो जिंदगी है, वह केवल उनकी नहीं है, उस पर उनके मां-बाप का अधिकार है, जिन्होंने उनको बड़ा किया।
मैं यह नहीं कह रहा हूं कि प्यार करना गलत है, परंतु प्यार के लिए अपनों को और पुराने रिश्तो को तोड़ना गलत है। क्योंकि प्यार हमे रिश्ते तोड़ना नहीं बल्कि रिश्तों को मजबूत करने की सीख देता है।
कभी भी कुछ गलत कदम उठाने से पहले एक बार उस मां के बारे में सोच लेना, जो दिन-रात तुम्हारे भविष्य की चिंता करती है। एक मां खुद रोती रहती है, परंतु तुमको एहसास नहीं होने देती है।
किसी भी इंसान को कभी घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि उसका स्वयं का क्या है..?
जन्म एक मां ने दिया, लक्ष्य एक पिता ने दिया, ज्ञान एक गुरु ने दिया और उसका अस्तित्व एक ईश्वर ने बनाया।
सब दूसरों का दिया हुआ है, तो आखिर लोग किस बात का अहंकार करते हैं..? इसलिए हमेशा दूसरों के प्रति आदर, सम्मान और स्नेह रखें क्योंकि जो काम एक तलवार नहीं कर सकती, वह कार्य प्रेम से बोले हुए, शब्द भी कर सकते हैं।
✍️~ SPK Sachin Lodhi