क्यों पुराने लोग तनाव में कम ओर खुश स्वस्थ ज्यादा थे

क्यों पुराने लोग तनाव में कम ओर खुश स्वस्थ ज्यादा थे
क्योंकि वो खुशियां मिलकर बाटते थे बढ़ती थी
गुम भी मिलकर बात कर करके बाटते थे तो गम कम दुखी करते थे। क्याकी उनके पास लोग थे विश्वास वाले मजबूत रिश्ते वाले जहां बोल लेते थे। मजबूत व्यवहारिक और सामाजिक प्रतिबद्धता थी।
आज के वक्त में उल्टा है
खुशी से किसी की कोई खुश नहीं तो कोई बताता नहीं
खुशियां कहा बढ़ेगी
गम सब अपने भीतर रख कर रो रहे है कहा से गम कम होंगे
वजह यह ना लोगो में विश्वास है ना मजबूती रिश्तों में
सुनने वाले कोई है नहीं। आज कल सामाजिक और व्यवहारिक प्रतिबद्धता सिर्फ खुद तक खुद से खुद में है।
तभी तो आज के वक्त में जितना इंसान दुखो से दुखी
उतना या उससे ज्यादा मानसिकता तनाव से दुखी
क्योंकि ना संवाद,ना सहजता, ना समरसता रही है
परिवार, रिश्ते,दोस्तो के बीच।
सब जरूरत बन गए है। जरूरी कोई नहीं रहा