सोना ही रहना उचित नहीं, आओ हम कुंदन में ढलें।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
किसी ने हमसे कहा कि सरोवर एक ही होता है इसमें हंस मोती ढ़ूँढ़त
एक रफी साहब एक प्यारे कलाम हैं
नारी री पीड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अब दिल्ली में कौन सी दीवाली मन रही है जो लोगों का दम और हवा
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
आओ पर्यावरण को सुरक्षित करें
ग़ज़ल _ दिल मचलता रहा है धड़कन से !
मौसम बहुत सर्द है, आओ कुछ ख़्वाहिशों को आग लगाई जाए!!
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
बाल दिवस पर बच्चों की विवशता
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
बड़े सलीके, सुकून और जज़्बात से
जब किसी व्यक्ति का मन और रुचि किसी काम के प्रति एकाग्र नही ह
Pyar ka pahla khat likhne me wakt to lagta hai ,