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27 Jan 2025 · 1 min read

रो रहा हूं में अक्सर उन्हें याद कर,

रो रहा हूं में अक्सर उन्हें याद कर,
आजकल वो मुझे याद करते नही
उनकी यादों को दिल में समेटे हुए
जख्म सीने में है जो भी भरते नही
✍️कृष्णकांत गुर्जर

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