कोरोना से रक्षा
एक फिकर है एक है चिंता,
रक्षा में जो पुलिस लगी है ।
कोरोना से क्या यारी उनकी,
बगैर मास्क और खुले हाथ से ।।
खूब बजा रहे हैं डंडा,
उनको भी कोई समझाओ ।।
इतना उनको बतलाओ,
कोरोना किसी का दोस्त नहीं है ।
पुलिस के डंडे का
उस पे जोर नहीं है,
संक्रमित से यदि छू जाते हो ।।
तुम भी संक्रमित हो जाओगे,
खुद को खतरे में ना डालो ।
घर परिवार और देश को तुम्हारी,
बहुत जरूरत आन पड़ी हैं ।।
सुरक्षित रहे तो ही अपनी,
ड्यूटी तुम ठीक करोगे ।
ड्रेस अभी ये ठीक नहीं है,
संक्रमण का खतरा ज्यादा ।।
हाथों में दस्ताने होगे,
तभी देश की करोगे सेवा ।