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25 Jan 2024 · 1 min read

अलाव की गर्माहट

अलाव की गर्माहट

चौधरी की चौपाल पर
सुलगते अलावा के चारों ओर
बैठक हर दिन जम जाती है
कंबल लपेटे हुए लोग
सुलगते हुए सवालों पर बात करते
शहर में फुटपाथों पर
ओस से भीगी रजाइयों
में कांपते शरीर किस तरह
जिंदगी से जद्दोजहद करते हैं
कहीं बोरी लपेटे तो कहीं
अखबार की ओढ़कर कनाते
शहर में गर्माहट की तलाश में
कुत्ता भी भटकता रहता है
ना पहले जैसी भट्टी की गर्म राख है
जिसमें कुत्ते रात बिता लिया करते थे
उन सभी के लिए हाड़ कंपा देने वाली
उन से पूछो जिनका कोई घर नहीं होता
पूस की रातें काटना बड़ा कठिन होता है

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