” भारत का गणतन्त्र “

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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किए जो अपनी कुर्बानी
दिया गणतन्त्र का सपना
नमन हम करते हैं उनको
जो समझे देश को अपना
थे मजहब जाति पहले भी
नहीं आपस में लड़ते थे
सभी मिलते थे अपनों में
नहीं कोई झगड़ते थे
भगाया मिलके गोरों को
सभी ने देश को जाना
हमारा एक ही सपना
सभी ने मिलके ही ठाना
मिली है हमको आज़ादी
गणतन्त्र का गीत गाते हैं
बराबर हैं सभी हम सब
गले सबको लगाते हैं
चलो मिलकर मनाये पर्व
दिखाये अपनी ताकत को
करें हम देश की सेवा
मिटा दे सारी आफ़त को !!
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
25.01.2025