काॅमर्स विषय
काॅमर्स विषय है अजब निराला
गजब है इसकी बात
डेबिट क्रेडिट करते करते
बन जाते वित्त के ज्ञात।
जर्नल प्रविष्टि का काम खत्म
तो लेजर की पोस्टिंग शुरू हुई
रेवेन्यू कैपिटल के चक्कर में
बैलेंस शीट भी गलत हुई।
तलपट जब तक नहीं मिला
सिर घनचक्कर सा घूम रहा
अशुद्धि निवारण करने लगे
तो लाभ हानि को ढूँढ़ रहा।
व्यवसाय प्रबंधन समझ रहे
खातों की खातेदारी पर
ऑडिट अभी तो बाकी है
बिजनेस की जिम्मेदारी पर।
पढ़ छात्र काॅमर्स, बने सी०ए०
सी०एस० और बैंक प्रधान
आई आई एम से कर एम०बी०ए०
पाएं ऊॅंचा पैकेज और स्थान।
साइंस, आर्ट भी पढ़ने वाले
लेते काॅमर्स का ज्ञान
महत्व अगर समझे काॅमर्स का
बन जाए देश महान।
@ विक्रम सिंह