Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2023 · 1 min read

*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*

वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)
________________________
वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार
मंदिर पहला बन सका, धन्यवाद सौ बार
धन्यवाद सौ बार, स्वर्ण की ईंट लगाई
बना शिवालय भव्य, शंख की ध्वनि मृदु छाई
कहते रवि कविराय, ज्योतिषी का अभिनंदन
दत्त राम श्रीमान, आपका सौ-सौ वंदन
—————————————-
नवाब कल्बे अली खान का शासन काल 1865 से 1887 ईसवी
—————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451

306 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

खुद को इतना .. सजाय हुआ है
खुद को इतना .. सजाय हुआ है
Neeraj Mishra " नीर "
आस...
आस...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
आग लगाना सीखिए ,
आग लगाना सीखिए ,
manisha
सर का कट जाना बेहतर है,
सर का कट जाना बेहतर है,
Keshav kishor Kumar
*अपने जो रूठे हुए, होली के दिन आज (कुंडलिया)*
*अपने जो रूठे हुए, होली के दिन आज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विदाई जोशी जी की
विदाई जोशी जी की
ललकार भारद्वाज
Acrostic Poem
Acrostic Poem
jayanth kaweeshwar
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
तेरे अंदर भी कुछ बात है
तेरे अंदर भी कुछ बात है
Vishnu Prasad 'panchotiya'
15. Oneness
15. Oneness
Santosh Khanna (world record holder)
उकसा रहे हो
उकसा रहे हो
विनोद सिल्ला
हमसे कर ले कुछ तो बात.. दिसंबर में,
हमसे कर ले कुछ तो बात.. दिसंबर में,
पंकज परिंदा
बिरवा कहिसि
बिरवा कहिसि
डॉ.सतगुरु प्रेमी
4917.*पूर्णिका*
4917.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
For a thought, you're eternity
For a thought, you're eternity
पूर्वार्थ
- घरवालो की गलतियों से घर को छोड़ना पड़ा -
- घरवालो की गलतियों से घर को छोड़ना पड़ा -
bharat gehlot
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
कैसी निःशब्दता
कैसी निःशब्दता
Dr fauzia Naseem shad
मित्रता अमर रहे
मित्रता अमर रहे
Rambali Mishra
बुंदेली दोहा - दुगइ (दालान)
बुंदेली दोहा - दुगइ (दालान)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हर बात को क्यूं लेते हो दिल में।
हर बात को क्यूं लेते हो दिल में।
DR. RAKESH KUMAR KURRE
जियो हजारों साल
जियो हजारों साल
Jatashankar Prajapati
परिवार हमारा
परिवार हमारा
Suryakant Dwivedi
शीत ऋतु
शीत ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
शक्ति और भक्ति आर के रस्तोगी
शक्ति और भक्ति आर के रस्तोगी
Ram Krishan Rastogi
सभी सिखला रहे थे जो सदा सद्धर्म नैतिकता।
सभी सिखला रहे थे जो सदा सद्धर्म नैतिकता।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
है हर इक ख्वाब वाबस्ता उसी से,
है हर इक ख्वाब वाबस्ता उसी से,
Kalamkash
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
Shashi kala vyas
Loading...