बुंदेली दोहा – दुगइ (दालान)

#बुन्देली दोहा बिषय- #दुगइ
बड़ी दुगइ #राना बनी,अच्छो बनो मकान।
माते को रुतबा बड़ो, सबइ जुहारत आन।।
दुगइ अटारी पौर है,अटा बनैं सिरमौर।
कोठा कुठियाँ चौतरा,#राना घर के ठौर।।
दादी बैठी है दुगइ,कर रइ कछू उसार।
नाती पोता रय किलक,#राना करै निहार।।
दद्दा आय बजार सैं,धरौ , दुगइ सामान।
बाई रयी टटोल है,#राना पत्ता पान।।
बैठ दुगइ फटकारतीं,बाई घर कौ नाज।
कचरा उड़बै दूर रवँ,#राना दें आबाज।।
***-3-2-2025
✍️ #राजीव_नामदेव”#राना_लिधौरी”
संपादक “#आकांक्षा” पत्रिका
संपादक-‘#अनुश्रुति’त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. #लेखक_संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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