“दया, करुणा व संवेदना” देवगुण होने के बाद भी मानव-मात्र के ल

“दया, करुणा व संवेदना” देवगुण होने के बाद भी मानव-मात्र के लिए पग-पग पर “वेदना व संत्रासपूर्ण” है।
“दया, करुणा व संवेदना” देवगुण होने के बाद भी मानव-मात्र के लिए पग-पग पर “वेदना व संत्रासपूर्ण” है।