बात पहुँचती नहीं
क्या करे बात पहुँचती ही नही
उनके दिल तक,
हम तो शिद्दत से याद करते हैं।
हम तो बेफिक्र होकर उनकी,
फिक्र किया करते हैं।।
क्या करे बात पहुँचती ही नही
उनके दिल तक,
हमको सीखा दिया मुस्कुराना।
अब हम उनकी मुस्कुराहट के लिए
जिया करते हैं।।
क्या करें बात पहुँचती ही नही
उनके दिल तक
ललकार भारद्वाज