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13 Nov 2024 · 1 min read

उजला अन्धकार …

उजला अन्धकार …

होता है अपना
सिर्फ़ अन्धकार
मुखरित होता है जहाँ
स्वयं से स्वयं का साक्षात्कार

होता है जिसके गर्भ से
भानु का अवतार
नोच लेता है जो
झूठ के परिधान का
तार- तार

सच में
न जाने
कितने उजालों के
जालों को समेटे
जीता है
समंदर सा
उजला अन्धकार

सुशील सरना

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