Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2024 · 1 min read

दोहावली

समझ बात की जब बढ़े, उसे समझिए ज्ञान।
रटी हुई हर बात तो, अर्थ रखे अनजान।।//1

भूल समझता भूल कर, वही बने विद्वान।
मूर्ख मगर वह भूल कर, सोये चादर तान।।//2

शक्ल देख मत न्याय कर, देख किया जो कर्म।
सच्चे हर इंसान का, यही बड़ा है धर्म।।//3

जिसकी जैसी सोच है, उसका उतना मान।
काँटों से परहेज़ हो, फूलों पर हो ध्यान।।//4

आदत से मज़बूर हो, किये बुरे सब काम।
अच्छाई का अब तुम्हें, नहीं मिले ईनाम।।//5

धैर्य बिना बेकार है, शान ज्ञान सम्मान।
बुरी भली जैसी मिले, स्थिति हर को पहचान।।//6

प्रीतम तेरे प्रेम को, समझे सिर्फ़ सुजान।
दीप दिखा लघु दीर्घ को, देते सम सम्मान।।//7

आर. एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
3 Likes · 69 Views
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

Mountain
Mountain
Neeraj Agarwal
पाठशाला कि यादें
पाठशाला कि यादें
Mansi Kadam
तुम भी पत्थर
तुम भी पत्थर
shabina. Naaz
https://vin777.contact/
https://vin777.contact/
VIN 777
दीपावली
दीपावली
Deepali Kalra
*** हमसफ़र....!!! ***
*** हमसफ़र....!!! ***
VEDANTA PATEL
कौन गया किसको पता ,
कौन गया किसको पता ,
sushil sarna
सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
Manoj Mahato
"जन्मदिन"
ओसमणी साहू 'ओश'
*स्वच्छ गली-घर रखना सीखो (बाल कविता)*
*स्वच्छ गली-घर रखना सीखो (बाल कविता)*
Ravi Prakash
श्रृंगार
श्रृंगार
Neelam Sharma
नई खिड़की
नई खिड़की
Saraswati Bajpai
2558.पूर्णिका
2558.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैने माथा चूम लिया
मैने माथा चूम लिया
ललकार भारद्वाज
10) पूछा फूल से..
10) पूछा फूल से..
पूनम झा 'प्रथमा'
तमन्ना है मेरे दिल की
तमन्ना है मेरे दिल की
हिमांशु Kulshrestha
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
जय जय अमर जवान
जय जय अमर जवान
Dr Archana Gupta
"आशा-तृष्णा"
Dr. Kishan tandon kranti
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
Dr Tabassum Jahan
सत्ता परिवर्तन
सत्ता परिवर्तन
Shekhar Chandra Mitra
वटसावित्री
वटसावित्री
Rambali Mishra
తేదీ
తేదీ
Otteri Selvakumar
इश्क चाँद पर जाया करता है
इश्क चाँद पर जाया करता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
स्वार्थी आदमी
स्वार्थी आदमी
अनिल "आदर्श"
महालय।
महालय।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राह कोई नयी-सी बनाते चलो।
राह कोई नयी-सी बनाते चलो।
लक्ष्मी सिंह
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
Manisha Manjari
Loading...