ऐसी किताबें लिखें
रास्ते चलने से ही बनते हैं। अपने जुनून को पूरा करने के लिए अगर खुद के प्रति निर्दयी होना पड़े तो परवाह नहीं करनी चाहिए। साहसी ही इतिहास रचते हैं। आगे बढ़कर ही इतिहास रचा जा सकता है।
इंसान को ऐसी किताबें लिखने की कोशिश करनी चाहिए, जो पाठकों के दिल-दिमाग को झकझोर कर रख दें। वो किताब उस कुल्हाड़ी की तरह हों, जिससे हम सदियों से उगे हुए झाड़-झंखाड़ को साफ कर सकें। और, जिससे एक नई राह निर्मित हो सकें।
जिस चीज का वास्तविक और स्थाई मूल्य होता है, वही अन्तर्मन का उपहार होता है। आप मानें या न मानें, लेकिन कई किताबें व्यक्ति के खुद के भीतर के अज्ञात कक्षों की चाबी (Key) की तरह होती है।
समय की सरहद से इंकार नहीं किया जा सकता। वजह यह कि समय का ही मोल है। जिस चीज का जिस वक्त में मूल्य होता है, वही चीजें समय गुजर जाने के बाद अपना मूल्य खो देती है। मेरी इन पंक्तियों पर जरा गौर कीजिएगा :
आज जो है
वो कल नहीं रहता,
कल क्या होगा
किसी को पता नहीं रहता।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत गौरव सम्मान प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।