अपने दर्द को तू यूं सरे-आम न कर
ज़माने वाले मजे लेंगे ये काम न कर
अपने दर्द को तू यूं सरे-आम न कर
तेरी बुलंदियों से लोगों को जलन है
उनके चक्कर में जीना हराम न कर
दरिया से सीख ले क्या है रवानी
रूक-रूककर कर आराम न कर
लड़ाई -झगड़ा किस घर नहीं होता
घर की इज्जत को निलाम न कर
कमरे मे जरूरत की ही चीजें रखो
सामान भर भर के गोदाम न कर
कमी कहां रह गयी गौर कर ले
दूसरों के सर यूं इल्ज़ाम न कर
नूर फातिमा खातून नूरी
जिला -कुशीनगर
उत्तर प्रदेश