Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2024 · 1 min read

असत्य पर सत्य की जीत तभी होगी जब

असत्य पर सत्य की जीत तभी होगी जब
हम अपने अंदर के रावण को मारेंगे!

Happy Dussehra🌹

183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
Ravi Prakash
मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे…
मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे…
PRATIK JANGID
नया वर्ष हो शुभ मंगलकारी
नया वर्ष हो शुभ मंगलकारी
Vindhya Prakash Mishra
पड़ जाएँ मिरे जिस्म पे लाख़ आबले 'अकबर'
पड़ जाएँ मिरे जिस्म पे लाख़ आबले 'अकबर'
Dr Tabassum Jahan
जिस माहौल को हम कभी झेले होते हैं,
जिस माहौल को हम कभी झेले होते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
पहला इश्क
पहला इश्क
Dipak Kumar "Girja"
सीरत अच्छी या सूरत
सीरत अच्छी या सूरत
MEENU SHARMA
घर :
घर :
sushil sarna
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
परिमल पंचपदी - नवीन विधा
परिमल पंचपदी - नवीन विधा
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
24/247. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/247. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"तरबूज"
Dr. Kishan tandon kranti
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते
Ranjeet kumar patre
छुपा छुपा सा रहता है
छुपा छुपा सा रहता है
हिमांशु Kulshrestha
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
Harminder Kaur
क्यों शोक तू मना रहा है, ऐसे उसके लिए
क्यों शोक तू मना रहा है, ऐसे उसके लिए
gurudeenverma198
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
कवि रमेशराज
कत्थई गुलाब-शेष
कत्थई गुलाब-शेष
Shweta Soni
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
ख़्वाब तेरे, तेरा ख़्याल लिए ।
ख़्वाब तेरे, तेरा ख़्याल लिए ।
Dr fauzia Naseem shad
सावन
सावन
Shriyansh Gupta
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
'अशांत' शेखर
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
"दु:ख के साये अच्छे थे"
राकेश चौरसिया
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दस्तक
दस्तक
Satish Srijan
😢हे मां माता जी😢
😢हे मां माता जी😢
*प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
Neelofar Khan
मदिरा सवैया
मदिरा सवैया
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
इश्क़ फरमाया उन्होंने अपनी आँखों से
इश्क़ फरमाया उन्होंने अपनी आँखों से
ruchi sharma
Loading...