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17 Oct 2024 · 1 min read

छुपा छुपा सा रहता है

छुपा छुपा सा रहता है
ग़ज़ल में दर्द,
मुस्कराते शायर का,
अंधरे छुपे हुए रहते हैं
रोशन दीयों के उजालों में

हिमांशु Kulshrestha

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