Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

जो बुजुर्ग कभी दरख्त सा साया हुआ करते थे

जो बुजुर्ग कभी दरख्त सा साया हुआ करते थे
आज लोग घास की तरह उनको उखाड़ फेंक देते हैं

1 Like · 151 Views
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

प्रेरणादायक कविता :
प्रेरणादायक कविता :
पूर्वार्थ
sp114 नदी में बाढ़ आने पर
sp114 नदी में बाढ़ आने पर
Manoj Shrivastava
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
निलय निकास का नियम अडिग है
निलय निकास का नियम अडिग है
Atul "Krishn"
लोगो का व्यवहार
लोगो का व्यवहार
Ranjeet kumar patre
कुछ कहने के लिए कुछ होना और कुछ कहना पड़ना, इन दोनों में बहु
कुछ कहने के लिए कुछ होना और कुछ कहना पड़ना, इन दोनों में बहु
Ritesh Deo
वेलेंटाइन डे
वेलेंटाइन डे
Rahul Singh
पीड़ाएं सही जाती हैं..
पीड़ाएं सही जाती हैं..
Priya Maithil
लालच
लालच
Vishnu Prasad 'panchotiya'
*रामपुर में सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के प्रत्यक्षदर्शी श्री रामनाथ टंडन*
*रामपुर में सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के प्रत्यक्षदर्शी श्री रामनाथ टंडन*
Ravi Prakash
दिल में पीड़ा
दिल में पीड़ा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
Subhash Singhai
पहले प्यार का पहला खत
पहले प्यार का पहला खत
dr rajmati Surana
ख़ूबसूरती का असली सौंदर्य व्यक्ति की आत्मा के साथ होता है, न
ख़ूबसूरती का असली सौंदर्य व्यक्ति की आत्मा के साथ होता है, न
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
कवि रमेशराज
🙅आज की बात🙅
🙅आज की बात🙅
*प्रणय*
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
Manisha Manjari
जाने जां निगाहों में
जाने जां निगाहों में
मधुसूदन गौतम
प्यार दर्द तकलीफ सब बाकी है
प्यार दर्द तकलीफ सब बाकी है
Kumar lalit
!!भोर का जागरण!!
!!भोर का जागरण!!
जय लगन कुमार हैप्पी
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
Ravikesh Jha
जीवन का खेल
जीवन का खेल
Sudhir srivastava
भाये ना यह जिंदगी, चाँद देखे वगैर l
भाये ना यह जिंदगी, चाँद देखे वगैर l
अरविन्द व्यास
फ़ासला बेसबब नहीं आया
फ़ासला बेसबब नहीं आया
Dr fauzia Naseem shad
चुपचाप निकल ले बेटा
चुपचाप निकल ले बेटा
Shekhar Chandra Mitra
कहां चले गए तुम मुझे अकेला छोड़कर,
कहां चले गए तुम मुझे अकेला छोड़कर,
Jyoti Roshni
इश्क़ हो
इश्क़ हो
हिमांशु Kulshrestha
"जरा सुनो तो"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
डॉ. दीपक बवेजा
Your Ultimate Guide to Excelling in Finance Assignments
Your Ultimate Guide to Excelling in Finance Assignments
Angelika Wartina
Loading...