Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jan 2025 · 1 min read

मेरे इजहार पर कुछ इस तरह ‘हां’ कहा उसने,

मेरे इजहार पर कुछ इस तरह ‘हां’ कहा उसने,
बातों-बातों में मेरी मां को ‘मां’ कहा उसने।

शुभम आनंद मनमीत

26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अश'आर
अश'आर
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
भ्रम और तसल्ली
भ्रम और तसल्ली
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"अपदस्थ"
Dr. Kishan tandon kranti
#इंक़लाब_ज़िंदाबाद
#इंक़लाब_ज़िंदाबाद
*प्रणय*
मायावी लोक
मायावी लोक
Dr. Rajeev Jain
अस्पताल की विवशता
अस्पताल की विवशता
Rahul Singh
*गीत*
*गीत*
Poonam gupta
*सेब (बाल कविता)*
*सेब (बाल कविता)*
Ravi Prakash
ज़िन्दगी नाम बस इसी का है
ज़िन्दगी नाम बस इसी का है
Dr fauzia Naseem shad
रचना
रचना
Mukesh Kumar Rishi Verma
मोहबत और चाय
मोहबत और चाय
पूर्वार्थ
मित्र
मित्र
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
समय का आभाव है
समय का आभाव है
अमित कुमार
कहते हैं पानी की भी याद होती है,
कहते हैं पानी की भी याद होती है,
पूर्वार्थ देव
अर्जुन
अर्जुन
Shashi Mahajan
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
नौ वर्ष(नव वर्ष)
नौ वर्ष(नव वर्ष)
Satish Srijan
* सिला प्यार का *
* सिला प्यार का *
surenderpal vaidya
तमाम उम्र काट दी है।
तमाम उम्र काट दी है।
Taj Mohammad
तितलियां
तितलियां
Minal Aggarwal
जिसकी शाख़ों पर रहे पत्ते नहीं..
जिसकी शाख़ों पर रहे पत्ते नहीं..
Shweta Soni
तुम आए कि नहीं आए
तुम आए कि नहीं आए
Ghanshyam Poddar
मेरे मन आँगन में
मेरे मन आँगन में
हिमांशु Kulshrestha
जीवन एक यथार्थ
जीवन एक यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
अकेलापन
अकेलापन
krupa Kadam
2975.*पूर्णिका*
2975.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये दुनिया भी हमें क्या ख़ूब जानती है,
ये दुनिया भी हमें क्या ख़ूब जानती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गीतिका
गीतिका
Ashwani Kumar
Raahe
Raahe
Mamta Rani
Loading...