भीतर की प्रकृति जुड़ने लगी है ‘
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
"पारंपरिक होली और भारतीय संस्कृति"
आज 16नवंबर 2024 के दिन से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो रही
दोस्तों बस मतलब से ही मतलब हो,
राम - दोहे - डी के निवातिया
कुछ रिश्ते भी रविवार की तरह होते हैं।
बुढ़ापा अति दुखदाई (हास्य कुंडलिया)
हवा भी कसमें खा–खा कर जफ़ायें कर ही जाती है....!
singh kunwar sarvendra vikram
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
कभी खामोश रहता है, कभी आवाज बनता है,