*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दिया जोतने खेत का, टुकड़ा जिन्हें उधार ।
"Your purpose explains what you are doing with your life. Yo
ज़िंदगी खूबसूरत है, इसे जी कर देखिए , गुरूर कभी काम नहीं आता
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
सोचके बत्तिहर बुत्ताएल लोकके व्यवहार अंधा होइछ, ढल-फुँनगी पर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
दोस्तों बात-बात पर परेशां नहीं होना है,
धर्मो रक्षति रक्षितः। रोटी कपड़ा और मकान के साथ साथ धर्म की
ग़ज़ल-अपनी ही एक ख़ुमारी है !