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2 Dec 2024 · 1 min read

एक बार मनुहार करना जरुर

#दिनांक:-1/12/2024
#शीर्षक:-एक बार मनुहार करना जरूर।

नदी की तरह तुम बहना जरुर,
सुभावों को नमन करना जरूर।

मन का मीत जब मिल जाए,
एक बार मनुहार करना जरुर।

मनुजता की पहली पसंद प्रेम,
जीवन में सच्चा प्रेम करना जरुर।

गम का शोर बेहिसाब समुन्दर में,
नदी बनकर समुद्र से मिलना जरूर ।

झुरमुट की ओट से झांकती चाँदनी,
चाँद संग सितारों सा चमकना जरूर।

हवा मस्ती में महक प्रियतम की लाती,
खूशबू संग जागरण तुम करना जरूर।

मनुष्यों में होता आस्था प्रेम प्रकट,
प्रेम-प्रतिभा संग जीवन जीना जरूर।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

Language: Hindi
88 Views
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