Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#16 Trending Author
Dr. Kishan tandon kranti
293 Followers
Follow
Report this post
28 Mar 2024 · 1 min read
“जाल”
“जाल”
हल्के में मत लेना
जाल को
जाल तो जाल है,
पता नहीं चलता
कब बन जाता काल है?
Tag:
Quote Writer
Like
Share
3 Likes
·
3 Comments
· 110 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like these posts
पूरी कर दी आस है, मोदी की सरकार
Anil Mishra Prahari
मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ज़िंदगी में इक हादसा भी ज़रूरी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मां को नहीं देखा
Suryakant Dwivedi
यादों की तेरी ख़ुशबू,
Dr fauzia Naseem shad
फूल सारे दहकते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"प्यार के दीप" गजल-संग्रह और उसके रचयिता ओंकार सिंह ओंकार
Ravi Prakash
दस्तूर जमाने का निभाया भी नहीं था
अरशद रसूल बदायूंनी
*जी लो ये पल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नव उत्साह नव आस लिए
Seema gupta,Alwar
This generation was full of gorgeous smiles and sorrowful ey
पूर्वार्थ
3155.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*आज का दोहा*
*प्रणय*
कल
Vishnu Prasad 'panchotiya'
"सिलसिला"
Dr. Kishan tandon kranti
ये दुनिया
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शिकायत करें भी तो किससे करें हम ?
Manju sagar
हिना (मेहंदी)( फाल्गुन गीत)
Dr. P.C. Bisen
न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख
Shweta Soni
माँगती मन्नत सदा माँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
गरिमामय है धरती अपनी
Ghanshyam Poddar
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
भारत के वायु वीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दुनिया बड़ी, बेदर्द है, यह लिख गई, कलम।।
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
सारी उम्र गुजर गई है
VINOD CHAUHAN
स्वाद बेलन के
आकाश महेशपुरी
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हरेली तिहार
डिजेन्द्र कुर्रे
व्यथा
Dr.Archannaa Mishraa
Loading...