लोग पूछते हैं कि हमको मोहब्बत में मिला क्या है,
लाख पतन हो जाए फिर भी हार नहीं मानूंगा मैं !
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Gopal das neeraj with shankarlal Dwivedi
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
सच तो जीवन में हमारी सोच हैं।
लक्ष्मी-पूजन का अर्थ है- विकारों से मुक्ति
हार का प्रमुख कारण मन का शरीर से कनेक्शन टूट जाना है।
शोक-काव्य
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद