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20 Nov 2024 · 1 min read

ज़िंदगी हो जिसमें, वो सुब्ह नज़र में रखना ,

ज़िंदगी हो जिसमें, वो सुब्ह नज़र में रखना ,
औरो की रक्खो लेकिन अपनी ख़बर भी रखना ।

—-डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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