✍️ नशे में फंसी है ये दुनियां ✍️
उसके गालों का तिल करता बड़ा कमाल -
मुरधर
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
न जाने वो कैसे बच्चे होंगे
मात शारदे इस याचक को केवल ऐसा वर दो।
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
हम ध्यान के अस्तित्व में तब आते हैं जब हम कोई कार्य होश पूर्
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