पूनम का चांद
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हे जीवन पथ के पंथी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
एक शख्स एक दुनिया हो सकता है
विषय-आज उम्मीदों का दीप जलाएं।
फर्क़ क्या पढ़ेगा अगर हम ही नहीं होगे तुमारी महफिल
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
मैं भी भूल जाऊं तुझको तो बता कौन सा है गम...!!
नहीं कोई धरम उनका
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
उसका प्रेम
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी