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31 Jul 2024 · 1 min read

*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी

बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी छंद )
_________________________
बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो
जहॉं जरूरत हो झुक जाओ, कुछ घास-पेड़ बनकर दीखो
तनकर चलने से सदा बचो, सिर कटता है अभिमानी का
भक्तों से लघु पद होता है, सर्वदा सदा ही ज्ञानी का

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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